कई ऐतिहासिक पड़ाव पार कर रहा है। एक ओर जहाँ इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की रफ्तार तेज़ हो रही है, वहीं एक्सपोर्ट के नए रिकॉर्ड, घरेलू बाज़ार की सुस्ती, और नई तकनीकों व मॉडल्स के लॉन्च मिलकर इस सेक्टर को लगातार बदल रहे हैं। आइए, जानते हैं देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की ताजा स्थिति, चुनौतियों और संभावनाओं को विस्तार से।
1. घरेलू बाज़ार में गिरावट, एक्सपोर्ट में नया रिकॉर्ड
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में भारतीय बाजार में पैसेंजर वाहनों की बिक्री में 1.4% की गिरावट आई है। अप्रैल से जून 2025 के बीच कुल 10.1 लाख पैसेंजर व्हीकल्स बिके, जबकि पिछली तिमाही की तुलना में स्थिति थोड़ी बेहतर रही, लेकिन तेज़ सुधार नहीं दिखा।
इस सुस्ती के बावजूद, गाड़ियों के एक्सपोर्ट में 22.2% की भारी बढ़ोतरी दर्ज हुई। मेड-इन-इंडिया कार और बाइक्स की अंतरराष्ट्रीय मांग पश्चिम एशिया, लैटिन अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया सहित पड़ोसी देशों—श्रीलंका, नेपाल तक में तेज़ी से बढ़ी है। इसमें फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स ने भी अहम भूमिका निभाई।
2. मार्केट शेयर और टॉप कंपनियाँ
जून 2025 में देश में सबसे ज्यादा 1.18 लाख कारें मारुति सुजुकी ने बेचीं, हालांकि उसकी मासिक और सालाना बिक्री में क्रमशः 12.5% व 13.3% की गिरावट दर्ज हुई, जिससे मार्केट शेयर 37.4% तक सिमट गया है।
महिंद्रा 47,306 यूनिट्स के साथ दूसरे नंबर पर रही, जिसकी सालभर में 18.2% ग्रोथ रही। हुंडई और टाटा मोटर्स क्रमशः तीसरे व चौथे स्थान पर हैं, लेकिन दोनों की सालाना बिक्री में गिरावट दिखी है।
होंडा, फोक्सवैगन, रेनो, एमजी, स्कोडा, किआ, निसान और सिट्रोएन जैसे ब्रांड की बाजार हिस्सेदारी छोटी है, लेकिन कई ब्रांड्स (जैसे स्कोडा) ने 90% से ज्यादा वार्षिक ग्रोथ भी दर्शाई।
3. इलेक्ट्रिक वाहनों की बेमिसाल रफ्तार
2025 में इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट सबसे बड़ा आकर्षण बन गया है।
वित्त वर्ष 2024-25 में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री 1.07 लाख यूनिट के पार पहुंच गई, जो कि चौथी बार क्रमवार दोगुनी हुई है। अनुमान है कि 2028 तक कुल पैसेंजर कार बाजार में EVs की हिस्सेदारी 7% से अधिक हो जाएगी।
टाटा, महिंद्रा, हुंडई, एमजी, और मारुति जैसी कंपनियाँ एक के बाद एक इलेक्ट्रिक मॉडल्स पेश कर रही हैं। खासकर टाटा हैरियर ईवी, महिंद्रा BE 6, हुंडई क्रेटा ईवी, मारुति ई-विटारा, एमजी साइबरस्टर, जैसी कारें और बाइक्स इस रेस में सबसे आगे हैं।
4. 2025 के प्रमुख लॉन्च और इनोवेशन
भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025 जैसे इवेंट्स में कई कारों की लॉन्चिंग और पेशी हुई है। महत्वपूर्ण लॉन्च में:
टाटा हैरियर ईवी: 25 लाख एक्स-शोरूम कीमत के अनुमान और लंबी बैटरी रेंज के साथ बाजार में हलचल मचा रही है।
मारुति ई-विटारा: 500 किमी रेंज के साथ पहली पूरी तरह भारतीय EV SUV।
हुंडई क्रेटा ईवी: दो बैटरी विकल्प, दमदार फ़ीचर्स और सेफ्टी के साथ।
महिंद्रा BE 6: इंडियन मार्केट के लिए अडवांस्ड फीचर्स और बेहतर रेंज।
एमजी साइबरस्टर: फास्टेस्ट इलेक्ट्रिक रोडस्टर के रूप में उभरी।
बाइक सेगमेंट में भी यामाहा MT-15 V2, रॉयल एनफील्ड हंटर 350, और एक नई स्पोर्ट बाइक ट्रेंड में रही हैं।
5. रफ्तार, चुनौती और रोजगार
व्यापक आंकड़ों के मुताबिक, 2024-25 में भारत में कारों की बिक्री 41.5 लाख यूनिट को पार कर गई, जिसमें करीब 5% सालाना ग्रोथ देखी गई है।
दोपहिया वाहनों की बिक्री में 7.71% और तिपहिया वाहनों में 4.54% की वृद्धि आई।
भारत तीसरी सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल मार्केट बनने के करीब है और यह सेक्टर अब देश की GDP में 6% हिस्सेदारी और लगभग 3 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार दे रहा है।
6. भविष्य की दिशा
नई टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, निर्यात केंद्रित रणनीति और सरकार की नीति समर्थन के दम पर इंडस्ट्री में इनोवेशन लगातार हो रहे हैं। मार्केट में उच्च प्रतिस्पर्धा है और ग्राहक बढ़ती टेकर-सेवी, स्मार्ट व पर्यावरण के अनुकूल कारों की मांग कर रहे हैं।
निष्कर्ष:
2025 के ऑटोमोबाइल सेक्टर में जहाँ घरेलू बिक्री में हल्की गिरावट दिखी, वहीं निर्यात, इलेक्ट्रिक एवं स्मार्ट वाहनों की रफ्तार जबरदस्त है। भारत की गाड़ियाँ दुनिया भर में लोकप्रिय हो रही हैं और भारतीय कंपनियाँ ग्लोबल मंच पर अग्रणी बन रही हैं। रोजगार, टेक्नोलॉजी और हरित मोबिलिटी के साथ ऑटो सेक्टर देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों की ओर ले जा रहा है।