“आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला – सड़कों से सोशल मीडिया तक मचा बवाल”

“आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला – सड़कों से सोशल मीडिया तक मचा बवाल”

दिल्ली-NCR में आवारा कुत्तों का मुद्दा लंबे समय से विवादों में रहा है। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर एक बड़ा और सख्त फैसला सुनाते हुए सभी नगर निगमों को 8 हफ्तों के भीतर सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाकर शेल्टर होम में भेजने का आदेश दिया है।


क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?

अदालत ने साफ शब्दों में कहा कि —

“सार्वजनिक सुरक्षा और नागरिकों के अधिकार सर्वोपरि हैं।”

सुप्रीम कोर्ट ने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया है कि बिना देरी किए सड़कों पर घूम रहे सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर सुरक्षित शेल्टर होम में रखा जाए, जहां उनके लिए उचित देखभाल और टीकाकरण की व्यवस्था हो।


फैसले के बाद सड़कों से सोशल मीडिया तक मचा हंगामा

जैसे ही यह आदेश आया, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर #StrayDogs और #SupremeCourtVerdict ट्रेंड करने लगे।

  • समर्थक: कई लोग इसे आम जनता की सुरक्षा के लिए सही कदम बता रहे हैं, खासकर उन इलाकों में जहां बच्चों और बुजुर्गों पर हमलों के मामले सामने आए हैं।

  • विरोधी: वहीं, एनिमल लवर्स और NGOs का कहना है कि यह आदेश कुत्तों के अधिकारों के खिलाफ है और उन्हें उनके प्राकृतिक माहौल से अलग करता है।


आंकड़ों में समस्या की तस्वीर

दिल्ली-NCR में लगभग 3-4 लाख आवारा कुत्ते हैं, और पिछले कुछ सालों में डॉग बाइट के हजारों मामले सामने आ चुके हैं।
सिर्फ 2024 में ही दिल्ली में 60,000+ डॉग बाइट केस दर्ज किए गए, जिनमें कई बच्चे भी शामिल थे।


आगे क्या?

स्थानीय प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी —

  • इतने बड़े पैमाने पर कुत्तों को पकड़ना

  • पर्याप्त शेल्टर होम और सुविधाएं उपलब्ध कराना

  • कुत्तों की सुरक्षा और स्वास्थ्य का ध्यान रखना


जनता की राय बंटी हुई

जहां एक तरफ आम लोग राहत की सांस ले रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ एनिमल राइट्स ग्रुप सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की तैयारी में हैं।


निचोड़: यह फैसला आने वाले हफ्तों में दिल्ली-NCR की सड़कों की तस्वीर बदल सकता है। लेकिन सवाल ये है — क्या यह समाधान टिकाऊ होगा, या फिर यह सिर्फ एक अस्थायी व्यवस्था बनकर रह जाएगा?

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